Bijnor: ( शरीफ मलिक ): बिजनौर भरी अदालत में गोली की बौछा कर शाहनवाज की हत्या के आरोपी सुमित को अदालत ने बुधवार को दोषी करार दिया था। अदालत ने गुरुवार को सजा पर फैसला सुनाया। बिजनौर जनपद के सीजेएम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की हिरासत में अपने साथी जब्बार के साथ आये शाहनवाज की ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर की गई हत्या के मामले में शामली निवासी सुमित को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस बहुचर्चित हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद शुक्ला ने उसे शाहनवाज की हत्या और जानलेवा हमले और अवैध शस्त्र रखने का दोषी माना है। 17 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस नजीबाबाद निवासी शाहनवाज व जब्बार को लेकर कोर्ट में पेश करने के लिये बिजनौर लाई थी। सीजेएम कोर्ट में दोपहर को एहसान हत्याकांड में दोनों को पेश किया गया था। इस दौरान तीन लोगों ने अदालत में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं।
गोली लगने से शाहनवाज की मौके पर ही मौत
गोली लगने से शाहनवाज की मौके पर ही मौत हो गई। शाहनवाज के साथ आया जब्बार भगदड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया था। सीजेएम के गनर रवि, दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल, कोर्ट मोहर्रिर मनीष आदि पुलिस कर्मियों ने साहस का परिचय देते हुए तीनों हमलावरों साहिल पुत्र एहसान निवासी नजीबाबाद, अकराज निवासी किरतपुर और सुमित निवासी शामली को पकड़ लिया था। कोर्ट मोहर्रिर मनीष भी जबड़े में गोली लगने से घायल हो गया था। शासकीय अधिवक्ता मुकेश चौहान के अनुसार इस केस में गिरफ्तार किये गये नाबालिग साहिल पुत्र एहसान और अकराज की सुनवाई पर हाई कोर्ट से स्टे है। बुधवार को बहराइच से कड़ी सुरक्षा के बीच सुमित को बिजनौर अदालत लाया गया था और अदालत ने उसे हत्या, जानलेवा हमला और अवैध शस्त्र रखने का दोषी माना था। गुरुवार को अदालत ने सुमित का आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बिजनौर। 28 मई 2019 को प्रापर्टी डीलर हाजी एहसान और उसके भांजे शादाब की उनके आफिस में घुसकर ही हत्या कर दी गई थी। आरोपी मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर पहुंचे थे। शाहनवाज ने शूटर जब्बार और दानिश से दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिलाया था। इसके बाद शाहनवाज दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था। दोहरे हत्याकांड की सुनवाई के लिये शाहनवाज को 17 दिसंबर 2019 को बिजनौर कोर्ट में लाया गया। कोर्ट में ही हाजी एहसान के बेटे साहिल ने अपने साथी अकराज और शूटर सुमित निवासी शामली के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। अदालत में हुई शाहनवाज की हत्या से सनसनी फैल गई थी। पोस्टमार्टम में साफ हुआ था कि उसे 11 गोली लगी थीं। आरोपी उसके मर जाने तक गोलियां बरसाते रहे थे। गोलियों की तड़तड़ाहट से जजी परिसर में अफरा तफरी मच गई थी। नजीबाबाद के प्रापर्टी डीलर हाजी एहसान और उसके भांजे शादाब की गोली बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड का बदला लेने के लिये ही हाजी एहसान के बेटे साहिल ने साथी अकराज और शूटर सुमित के संग मिलकर शाहनवाज की हत्या को अंजाम दिया था। घटना के समय साहिल और अकराज के नाबालिग होने के कारण उनके केस की सुनवाई पर हाईकोर्ट से स्टे है। शूटर सुमित को दोषी करार दिया गया है। भरी अदालत में तीन लोगों ने गलियां बरसाई थीं।बिजनौर सीजेएम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की हिरासत में अपने साथी जब्बार के साथ आये शाहनवाज की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर की गई हत्या के आरोपी शामली निवासी सुमित को अदालत में पेश किया गया।
अदालत में सुमित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
इस बहुचर्चित मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद शुक्ला ने उसे शाहनवाज की हत्या और जानलेवा हमले और अवैध शस्त्र रखने का दोषी माना है। अदालत ने सुमित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 17 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस नजीबाबाद निवासी शाहनवाज एंव जब्बार को लेकर कोर्ट में पेश करने के लिये बिजनौर लाई थी। सीजेएम कोर्ट में दोपहर को एहसान हत्याकांड में दोनों को पेश किया गया था। इस दौरान तीन लोगों ने कोर्ट में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं। गोली लगने से शाहनवाज की मौके पर ही मौत हो गई। शाहनवाज के साथ आया जब्बार भगदड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया था। सीजेएम के गनर रवि, दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल, कोर्ट मोहर्रिर मनीष आदि पुलिस कर्मियों ने साहस का परिचय देते हुए तीनों हमलावरों साहिल पुत्र एहसान निवासी नजीबाबाद, अकराज निवासी किरतपुर और सुमित निवासी शामली को पकड़ लिया था। कोर्ट मोहर्रिर मनीष भी जबड़े में गोली लगने से घायल हो गया था। शासकीय अधिवक्ता मुकेश चौहान के अनुसार इस केस में गिरफ्तार किये गये नाबालिग साहिल पुत्र एहसान और अकराज की सुनवाई पर हाई कोर्ट से स्टे है। बहराइच से कड़ी सुरक्षा के बीच सुमित को बिजनौर कोर्ट लाया गया। कोर्ट ने उसे हत्या, जानलेवा हमला और अवैध शस्त्र रखने का दोषी करार दिया है। 24 मई गुरुवार को सुनाये गये फैसले में सुमित को आजीवन कारावास की सजा दी गई।