Haldaur: ( नौरोज़ हैदर शाही ): बिजनौर के में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इमाम मैहदी का जन्मदिन, इमाम मैहदी के जन्मदिन पर हुआ महफ़िल व मुशायरों का आयोजन, दरगाहों व इमामबाड़ों को सजाया गया दुल्हनों की तरहाँ, लोगों के घरों में हुआ नियाज़ का आयोजन। दुनिया भर में इमाम मैहदी अलैहिस्सलाम का जन्मदिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर इमाम के चाहने वालों ने दरगाहों,इमामबाड़ों के साथ साथ अपने घरों को भी दुल्हन की तरह सजाया।का आयोजन हुआ।
महफिल में स्थानीय शायरों के साथ साथ बाहर से आये शायरों ने इमाम की शान में कलाम पढ़े
बिजनौर के हल्दौर क्षेत्र के गाँव छजुपुरा सादात के इमाम बारगाह में इमाम महदी अ. के जन्म दिन के हवाले से महफिल का आयोजन हुआ। इस महफिल में स्थानीय शायरों के साथ साथ बाहर से आये शायरों ने इमाम की शान में कलाम पढ़े। मस्जिद के पेश नमाज़ मौलाना सैयद मैहदी अब्बास ज़ैदी ने इमाम महदी अ. की सवान-ए-हयात पर रोशनी डाली। महफिल का आग़ाज़ तिलावत-ए-कलाम पाक से हुआ। इसके बाद सालिम ज़ैदी ने नात-ए-पाक पढ़ी तथा हसन अब्बास,सालिम ज़ैदी, रौशन अब्बास,जाफ़र ज़ैदी,शाही वास्ती ,मौलाना मैहदी अब्बास ज़ैदी, मौलाना हुसैन आलम ज़ैदी,रईस ज़ैदी,मौहम्मद रज़ा,नायाब हैदर,सादिक़ रज़ा,मुंतज़िर मैहदी,शाने हैदर,अम्मार अली, सहित अनेक शायरों ने कलाम पढ़े ।आखिर में मौलाना सैयद मैहदी अब्बास ज़ैदी ने बताया कि इमाम महदी अलैहिस्सलाम 11 वें इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के बेटे हैं। इमाम महदी अलैहिस्सलाम का जन्म 15 शाबान सन् 255 हिजरी में हुआ था। वह ईराक के शहर सामरा में पैदा हुए थे। 12 वें इमाम अभी तक बाहयात हैं और अल्लाह ने उन्हें परदे में रखा है। उनकी पहली गैबत आठ रबीउल अव्वल 260 हिजरी में शुरू हुई। इस गैबत में इमाम बड़े उलेमा से मुलाकात किया करते थे। इमाम की दूसरी गैबत 10 शव्वाल 329 हिजरी में शुरू हुई। जब दुनिया पूरी तरह नाइंसाफी से भर जाएगी तो अल्लाह पाक के हुक्म से वह जाहिर होकर दुनिया को इंसाफ से भरेंगे। उलेमा के मुताबिक वह वक्त अब बेहद नजदीक है।