नजीबाबाद। गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर की साहित्यिक संस्था कवि दिल की ओर से महफिल ए मुशायरे का आयोजन कर देश के शहीदो को याद किया।
रविवार को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस की 76वीं वर्षगांठ के मौके मौहल्ला कलालान में शायर आसिफ मिर्ज़ा के आवास पर एक देश भक्ति से सराबोर गीत गज़ल की महफ़िल का आयोजन किया गया। जिस में शायरो ने उम्दा कलाम पेश कर देश के शहीदो को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर डाक्टर रईस अहमद भारती ने कहा कि जंगे आजादी में शायरो ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक बार देश को एकता भाई चारे।की जरूरत है मैं सभी कवि शायरो का आवाह्रन करता हूं कि देश भक्ति से भरी एकता भाई के उनवान से रचनाओं का निर्माण करे। कार्यक्रम का आगाज अकरम जलालाबादी ने अपने खूबसूरत देश भक्ति के गीत से करते हुए कहा….. ये है मेरा हिंदुस्तान,ये है मेरा हिंदुस्तान, सारी दुनियां में है इस एक अलग पहचान। उबैद नजीबाबादी ने कहा…. साथ में जब गूजंती है ये अजा़न ए और भजन,रश्क करते है सितारे, झूमता है फिर चमन।
शायर हसन हारून ने पढ…वो मेरा इंतेखाब कर लेंगे, ऐसा हरगिज़ जनाब कर लेंगे। नसीम नजीबाबादी ने कहा. किस तरह आज की शब चैन से गुज़रेगी मेरी,उस की तस्वीर जो कमरे में लगा दी तुमने। शहबाज़ अख्तर नजीबाबादी… नफरत का हर नक्श मिटा दे, दुश्मन को भी अपने दुआ दे। आरिफ आरजू ने पढा….. दिया धोख हमे फिर मौत का सामान कर डाला, हमारी जिंदगी को और भी आसान कर डाला। आसिफ मिर्ज़ा ने कहा…. तुम्हारे साथ में कम हो के भी ज्यादा थे, जो थे हमारी तरफ वो भी थे तुम्हारी तरफ, कमर कल्हेडवी…. मैं तो मुद्दत से कही गर्दिश ए अफलाक में था, और फिर रूह का तालिब भी मेरी ताक में था। डाक्टर तैय्यब जमाल ने कहा….ये वतन मेरा है, ये मिरी जान है, ज़िन्दगी का सुकूं दिल का अरमान है। शादाब जफर शादाब ने कहा….. जन्नत का लकब जिस को जमाने ने दिया है, वो मेरा वतन,मेरा वतन, मेरा वतन है। मेहमान शायर फारूख बिजनौरी ने कहा… ये मेरा वतन, मेरा वतन, मेरा वतन है, हर लम्हा जहाँ प्यार, मौहब्बत का चलन है। मौसूफ अहमद ने कहा….. तमाम उम्र की गैरत का सिलसिला ना गया, वो चाहता था बहुत मुझ से कुछ कहा ना गया। डाक्टर रईस अहमद भारती…. आईना ए जमहूर दिखाने के वास्ते , यकजा हुए है दर्द मिटाने के वास्ते। महफिल ए मुशायरे में पूर्व सभासद अमजद सिद्दीकी, इंतेज़ार अहमद, सूफीयान मुल्तानी, नजाकत हुसैन,अदीब शादाब, जुबैर खान, नवाजिश अली, मौहम्मद इमरान आदि मौजूद रहे। मुशायरे की अध्यक्षता डाक्टर रईस अहमद भारती ने की व संचालन शादाब जफर शादाब ने किया। कार्यक्रम के अंत में मेजबान आसिफ मिर्ज़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया।