मदरसा मदीनतुल उलूम कोटकादर में दो रोज़ा जलसा व दस्तार बंदी

Bijnir: ( शरीफ मलिक ): बिजनौर के रायपुर सादात।मदरसा इस्लामिया अरबिया मदीनतुल उलूम जामा मस्जिद कोटकादर में दो रोजा जलसा व तकरीब बुखारी शरीफ और दस्तार बंदी हुआ। जिसमे जलसे की पहली नशिस्त इशा की नमाज़ के बाद निजामत कारी शुएब नफीस भागूवाला और दूसरे दिन निजामत मौलाना सलीम साहनपुरी, सदारत मुफ्ती अब्दुल गफूर साहब अमरोही ने अंजाम दिए ,और पहली नशिस्त में दारुल उलूम देवबंद से आए कारी आफताब आलम साहब ने तिलावत ए कलाम ए पाक से आगाज़ किया, और नात ए पाक मुफ्ती तारिक जमील कन्नौजी , व हमज़ा अयाज़ बिजनौरी ने गुन गुनाई।

दो रोज जलसा को कई उलमाओं ने किताब किया को खिताब किया

और रामपुर से आए पहली नशिस्त में मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साजिद साहब ने खिताब किया मुफ्ती साजिद ने अपने बयान में बताया आमाल में वज़न पैदा करने के लिए दो चीजों का होना जरूरी है। ,1 इखलास,2 शरीअत व सुन्नत के मुताबिक इख्लास के साथ किया गया थोड़ा सा अमल भी अल्लाह की निगाह में बड़ी अहमियत का हामिल होता है। और दिल्ली से आए मौलाना आसिफ महमूद ने भी बयान फरमाया ,दूसरे दिन तिलावत कलाम ए पाक का आगाज़ दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना कारी सैय्यद मोहम्मद इरशाद साहब ने किया।और मुंबई से आए शायर असद बस्तवी ने नात ए पाक का हदया पेश किया।उसके बाद दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अशरफ अब्बास ने बयान किया , ठाकुरद्वारा से आए मौलाना शाहनवाज़ ने भी इस्लाही मुआशरे पर खिताब करते हुए कहा कुरान और हदीस पर अमल करते रहो और अपने बच्चों को मदरसे में तालीम हासिल के लिए भेजा करें। उसके बाद मुफ्ती अब्दुल गफूर साहब ने मुल्क में अम्नों अमान के लिए दुआ कराई। आखिर में मौलाना मुनाजिर हसन साहब नाजिम मदरसा हाज़ा ने आने वाले सभी महमानों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर मुफ्ती ताइब, मौलाना लईक, मुफ्ती इकराम, मौलाना शमीम, मौलाना अब्दुल बासित, मौलाना असरार,मौलाना इम्तियाज़, मौलाना शाकिर,मौलाना अफजल, कारी मरगूब, कारी फुरकान, कारी शमीम, कारी अब्दुल समद, कारी नौशाद,कारी महबूब,कारी तय्यब, पत्रकार कारी याहया अंसारी,कारी अब्दुल कदीम,कारी मुस्तकीम,कारी अख़्तर,कारी हसन,कारी तोफीक,आदि उलामा ने शिरकत की।

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